महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला खास मंत्र है रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र के जाप से बाद से बड़ा रोग दूर हो जाता है और अकाल मृत्यु का भय भी नहीं रहता है। इस मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक मिलता है। इस मंत्र से मांगलिक दोष, नाडी दोष, कालसर्प दोष, भूत प्रेत दोष, गर्भनाथ दोष, संतान बड़ा दोष जैसे कई कई दोष शांत होते हैं। महामृत्युंजय जाप से दीर्घायु, आरोग्य की, संपत्ति की और संतान की भी प्राप्ति होती है।। इस मंत्र से धन हानि से बचने जमीन ज्यादा से जुड़ी विवादों में सफलता प्राप्त होती है। इस मंत्र के प्रभाव से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है। इस मंत्र का जाप करने से कुंडली के बुरे योग शांत हो जाते हैं।
कुंडली का सबसे प्रमुख ग्रह शनि है। शनि ही किसी भी व्यक्ति के कार्य को निर्धारित करता है आप क्या करेंगे जीवन में अध्यापक बनेंगे, डॉक्टर बनेंगे, अभिनेता बनेंगे, लीडर बनेंगे या कृषि का काम करेंगे यह सब शनि महाराज निर्धारित करते हैं। जन्म कुंडली में शनि महाराज का मजबूत होना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि शनि अगर कमजोर हो गए तो व्यक्ति का कार्य क्षेत्र कमजोर हो जाएगा और फिर जीवन भी कई बार कमजोर हो जाता है इसलिए शनि महाराज के सुप्रभाओं को प्राप्त करने के लिए शनि महाराज के वैदिक मंत्र का जाप करना चाहिए।
सात ग्रहों में राहु का भी नाम आता है और राहु एक छाया ग्रह है कई लोग राहु के नाम से डर जाते हैं लेकिन ऐसा नहीं है राहु की भी अपनी कई प्रकार की सकारात्मक है। राहु क्या करता है चीजों को बढ़ा देता है जिस ग्रह के साथ राहु बैठा है अगर उसे ग्रह के साथ राहु की मित्रता है तो उसे ग्रह के गुना को बढ़ा देगा और शत्रुता है तो अवगुणों को बढ़ा देगा राहु केंद्र में बैठा हूं त्रिकोण में बैठा हो अकेले बैठा हो तो परिणाम सकारात्मक ही रहता है। किसी कारण से अगर राहु अपने नकारात्मक प्रभाव दे रहे हैं तो राहु के वैदिक मंत्र का जाप करके उनके नकारात्मक प्रभाव को सकारात्मक प्रभाव में परिवर्तित किया जा सकता है।
केतु कुंडली का सबसे ताकतवर ग्रह है और किसी भी परिणाम को बदलने में इसका प्रमुख रूल रहता है। केतु किसी की उन्नति को दर्शाता है आप कितना आगे जाएंगे, कितना आगे बढ़ेंगे, कितनी ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे यह केतु ग्रह निर्धारित करता है। आपका परिवार आगे बढ़ेगा या नहीं बढ़ेगा यह भी की तुरंत हेल्प करता है। वृद्ध लोगों की सेवा करने से केतु ग्रह अपने सकारात्मक प्रभाव देता है साथ में वैदिक मंत्र का जाप करने से केतु अपने नकारात्मक प्रभाव को छोड़कर के सकारात्मक प्रभाव देना प्रारंभ कर देता है।
पुरुष की कुंडली में मंगल भाई का और स्त्री की कुंडली में मंगल पति का कारक होता है। मंगल कमजोर हो तो छोटे भाई बहन नही होते ,प्रॉपर्टी नही होती कई बार अपना घर भी नही होता है। स्त्री की कुंडली में मंगल कमजोर हो तो जातिका के पति की स्थिति, धन की दृष्टि से कमजोर होती है, पति बीमार भी रहता होगा ऐसा जन्मकुंडली में देखा गया है। मंगल के मंत्र के जप का प्रभाव यह होता है की मंगल अपने नकारात्मक प्रभावों को त्याग कर सकारात्मक परिणाम देना प्रारंभ कर देता है।
सूर्य ग्रहों का राजा है। राज्य,गवर्मेंट, बड़े जमीदार,अधिकार , मान, सम्मान, बाहुबल, पिता का व्यापार आदि का कारक सूर्य होता है। सूर्य अगर जन्मकुंडली में कमजोर हो तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होती रहती है। इन सबको सूर्य को बल मिले इसलिए सूर्य के मंत्र का जप किया जाता है।
सरस्वती मंत्र जाप से वाणी, याददाश्त और पढ़ाई में एकाग्रता में सुधार होता है। सरस्वती मंत्र में अज्ञानता और भ्रम को दूर करने और स्मरण शक्ति को बुद्धि प्रदान करने की शक्ति है।सरस्वती मंत्र सीखने को आसान बनाता है और याद्दाश्त,स्मरण शक्ति को,बुद्धि प्रदान करने की शक्ति है। सरस्वती मंत्र किसी भी सीखने वाले कार्य को आसान बनाता है एक छात्र को अच्छे अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करने में मदद कर सकता है और नौकरी चाहने वाले को अपनी नौकरी सुरक्षित करते समय अपने ज्ञान को सफलतापूर्वक लागू करने में मदद कर सकता है।कलाकार, कवि, लेखक और सार्वजनिक वक्ता सरस्वती मंत्र की मदद से उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, आपकी कुंडली (कुंडली) के सभी नौ ग्रह जीवन के पाठ्यक्रम को प्रभावित करते हैं अर्थात विवाह, करियर, स्वास्थ्य, वित्त आदि. कुंडली में इन ग्रहों की चाल योग या दोष (नकारात्मक प्रभाव) बनाती है. इन नवग्रह दोषों के कारण, लोगों को अपने जीवन में विभिन्न बाधाओं और बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इन ग्रहों के अशुभ दोष या अशुभ प्रभाव को कम करने और नकारने के लिए, हम नवग्रह पूजा करते हैं. यह नवग्रह पूजा मंत्र जाप और यज्ञ या नवग्रह पूजा ग्रहों के नकारात्मक या हानिकारक प्रभावों को कम या समाप्त करती है, यदि आप इस नवग्रह पूजा को सही तरीके से करते हैं तो आपको सफलता और खराब स्वास्थ्य, वैमनस्य और बाधाओं से राहत मिलेगी